इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) हमारे देश के लिए क्यों जरूरी है ?

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इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles)

आजकल चारो तरफ इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) एक चर्चा का विषय बन गया है। आखिर ए इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) है क्या ? और हमारी सरकार क्यों इस्पे इतना ध्यान दे रही है।

तो मैं आपको बता दूँ की आजकल प्रदुषण पुरे दुनिया के लिए बहुत बड़ी समस्या बानी हुई है। हर देश की सरकार प्रदुषण को कम करने के लिए बहुत सरे कदम उठा रही है। प्रदुषण के लिए फैक्ट्री और वाहनों से जो धुवाँ निकलता है उसका योगदान सबसे जयादा है।

पिछले कुछ सालो से वाहनों की विक्री काफी बढ़ गई है, और उससे निकलने वाला धुवाँ हमारे लिए काफी चिंता का विषय बना हुआ है। हमारी सरकार भी प्रदुषण को काम करने के लिए हर दिन नए नए स्कीम लती रहती है। जैसे की हाल हीं में भारत सरकार ने रूफटॉप सोलर सब्सिडी स्कीम  भी लाइ है।

Electric Vehicle
Electric Vehicle

भारत सरकार  का इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की विक्री बढ़ाने के तरफ बड़ा कदम

हमारे देश में वाहनों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ रही है, और उससे निकलने वाला धुवाँ प्रदुषण का सबसे बड़ा कारन है, और यह समस्या हमारे सरकार के लिए बहुत बड़ी चिन्ता का विषय भी बन गया है। उसी को ध्यान में रखते हुए हमारे केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की विक्री बढ़ाने के लिए भारत सरकार को कोई ठोस कदम उठाने के लिए कहा है।

केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की हमारे देश में जितने पेट्रोल और डीज़ल की खपत होती है उनमे से 80% पेट्रोल और डीज़ल हम दूसरे देश से आयत करते हैं, जिसकी कीमत लगभग 8 लाख करोड़ है। और अगर हम ऐसे हीं पेट्रोल और डीजल के लिए दूसरे देशो पे निर्भर रहे और आयत करते रहे तो इसकी कीमत अगले 5 साल में लगभग 25 लाख करोड़ हो जाएगी, जो की काफी चिन्ता का विषय है।

इसी को धयान में रखते हुए हमारी सरकार अब इलेक्ट्रिक वाहनों की विक्री बढ़ाने के तरफ धयान दे रही है। आजकल टेक्नोलॉजी दिन प्रति दिन आगे बढ़ रही है और आने वाले दो सालो में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की कीमत पेट्रोल से चलने वाले वाहनों की कीमत की तुलना में काफी सस्ती हो जाएगी।

अगर हम पेट्रोल से चलने वाले वाहन की बात करे तो इसमें लगभग एक साल में औसतन 12,000 से 15,000 की खपत होतो है, और वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) में केवल 2,ooo की हीं खपत होती है, और ए प्रदुषण भी नहीं करती है।

इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) क्या होता है ?

 

आप सब ने ए जरूर सुना होगा, जितने भी वाहन होते हैं या तो ओ पेट्रोल से चलते हैं या तो डीजल से, पर आज मैं आपको एक नई बात बताने जा रहा हूँ। दरअसल हम जितने भी वाहनों को देखते हैं ओ सब इलेक्ट्रिक से हीं चलते है। अगर किसी वाहन मैं पेट्रोल या डीजल डाला जाता है तो, उस वाहन का इंजन उसमे डाले जाने वाले ईंधन के आंतरिक दहन से जो बिजली या इलेक्ट्रिक उत्पन्न होती है उसी इलेक्ट्रिसिटी से ओ वाहन चलती है।

पर अगर हम इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) की बात करे तो उसमे इलेक्ट्रिक मोटर लगा होता है “पेट्रोल वाहनों की तरह उसमे आंतरिक दहन के लिए इंजन की जरूरत नहीं होती”, उसको चलाने के लिए केवल बैटरी की जरूरत होती है। चुकी इलेक्ट्रिक वाहन में मूविंग पार्ट्स नहीं होते हैं इस कारण इसको मरम्मत करने में काफी काम खर्च होता है।

EV चार्जिंग स्टेशन (EV charging station) क्या होता है ?

Charging Station
Charging Station

जब हम पेट्रोल या डीज़ल वाहन की बात करते हैं तो उसके लिए पेट्रोल पंप होता है। उसी तरह जब हम इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) की बात करते हैं तो उसको चार्ज करने के लिए EV charging station बनाये जाते है। भारत सरकार EV  चार्जिंग स्टेशन( EV charging station) के तरफ भी बहुत धयान दे रही है। और बहुत सारे चार्जिंग स्टेशन भी बनाये जा रहे है। बहुत सारी सोलर कंपनी इसपे काम भी कर रही है। और आने वाले समय में हमें हर कदम पे चार्जिंग स्टेशन मिल जाएगी।

आजकल टेक्नोलॉजी इतनी बढ़ गई है की अब इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) को चार्ज करने में बहुत काम समय लगता है। और एक बार बैटरी चार्ज हो जाने पे लगभग 400 KM चलती है। पहले इन वाहनों को चार्ज करने में काफी समय लगता था और चार्ज होने पे 100 km तक हीं ए चल पाती थी।

आज कल इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) के लिए सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग का है, फिर भी बड़े शहरो में  चार्जिंग स्टेशन आसानी से मिल जाती है, पर ए सुविधा आज भी छोटे शहरों में उतनी नहीं मिल पाती जितनी होनी चाहिए। यही कारन है की अभी इलेक्ट्रिक वाहन (Electric Vehicles) उतना प्रचलित नहीं है। 

पर आने वाले दिनों में हर जगह या तो छोटा शहर हो या गांव हो आपको इसकी सुविधा मिल जायगी। क्यूंकि सरकार इसके तरफ बहुत धयान दे रही है।

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