फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) क्या होता है और इसके क्या फायदे हैं ?

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फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) क्या है ?

फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) एक ऐसा सोलर पावर प्लांट है जिसे जल की सतह पे स्थापित किया जाता है। आजकल बिजली की बढ़ती की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसके साथ साथ हमारे पास कोयला और कच्चे तेल जैसे संसाधन की भी मात्रा सिमित है।

अतः हम बिजली के उत्पादन की पारम्परिक तरीके से बिजली की मांग को पूरा नहीं कर सकते है। इसी संकट से बहार आने के लिए आज पूरा देश बिजली उत्पादन के नए नए श्रोतो का आविष्कार कर रहा है।

Floating Solar Power Plant
Floating Solar Power Plant

पहले सोलर प्लांट घर की छतो पे लगाए जाते थे जिसे रूफ टॉप सोलर प्लांट (Roof Top Solar Plant) कहते है, इसकी बिजली उत्पादन की छमता काफी काम होती है या यूँ कहे ये बहुत छोटे पैमाने पे होता है। फिर बड़े से ग्राउंड में सोलर प्लांट लगाय जाने लगे, जिसे ग्राउंड माउंट सोलर पावर प्लांट (Ground Mount Solar power Plant) कहते हैं।

पर इसकी भी कुछ सीमाएं है, जैसे उतने बड़े पैमाने पे जमीन उपलब्ध न हो पाना। भूमि अधिग्रहण में भी काफी समस्याएं आती है।

इन्ही सब समस्याओं के निवारण के लिए एक नयी टेक्नोलॉजी विकसित की गई, जिसकी मदद से पानी की सतह पे सोलर पैनल्स (Solar Panels) को एक फ्लोटिंग ऑब्जेक्ट की सहायता से उसके ऊपर स्थापित किया जाता है, जिसकी मदद से ये सोलर पैनल्स पानी की सतह पे तैरते रहते हैं।

इसी प्रक्रिया की मदद से बड़े पैमाने पे जल स्तर पर एक बड़ा सा सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जाता है, जिसे फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) कहते हैं। 

फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) के विशेषताएं और उनकी कमियां 

Benefits and Challenges of Floating Solar Power Plant
Benefits and Challenges of Floating Solar Power Plant

जब भी कोई टेक्नोलॉजी आती है तो उसकी अपनी विशेषताएं होती हैं, और साथ में कुछ कमियां भी होती हैं। हम उन सब का विस्तार में वर्णन करेंगे। सबसे पहले हम इसकी विशेषताओं के बारे में बात करेंगे।

फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) के विशेषताएं : 

  • फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) के कारन भूमि अधिग्रहण की समस्या बिलकुल समाप्त हो जाती है, और खेती करने योग्य जमीन का उपयोग खेती के लिए हीं किया जाएगा या फिर उस जमीन को किसी निर्माण कार्यों के लिए उपयोग में किया जा सकता है। 
  • चुकी इसे जल स्तर पे स्थापित किया जाता है, जिसके कारन जल श्रोत एक कूलिंग इफ़ेक्ट उत्पन्न करता है, और सोलर पैनल का तापमान बढ़ने नहीं देता, जिसकी वजह से सोलर मॉडल्स की कार्य करने की क्षमता लगभग 5-10 % तक बढ़ जाती है। 
  • ग्रिड इंटरकनेक्शन की लगत में कमी आती है। 
  • चुकी जल श्रोत का जयादातर हिस्सा ढाका रहता है, जिसके कारन जल के वाष्पीकरण में कमी आती है, पानी में रहने वाले जिव जंतु सुरक्षित रहते हैं। 
  • जल श्रोत में शैवाल विकसित नहीं होता है, और पानी की गुणवत्ता बानी रहती है।
  • समय के साथ साथ इसका इनिशियल इंस्टालेशन कॉस्ट काम हो रहा है।
  • पानी की सतह पे होने के कारन इसकी मेंटनेंस कॉस्ट बहुत काम हो जाता है।
  • चारो तरफ से पानी से घिरा होने के कारन, सोलर मॉडल पे धूल काम इक्कठा होता है।

फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) की कमियां :

  • फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) को इनस्टॉल करने में कुल लगत बाहत ज्यादा होती है। 
  • तटीय क्षेत्रों में स्थापित होने के कारण अगर इनस्टॉल करने में छोटी सी भी गलती होती है तो इसके गिरने का खतरा बढ़ जाता है।
  • पानी की सतह पे होने के कारन, जब पानी की सतह पर हलचल होती है तो इसके कारन फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) के कई हिस्सों में निरंतर घर्षण होते रहता है जिसके कारण कुछ हिस्से टूटते रहते हैं। 
  • फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) के इंस्टालेशन के लिए कुशल कारीगर की अवसक्ता पड़ती है। 
  • चुकी फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) पानी की स्टार पर होता है, और इसमें पानी और बिजली दोनों शामिल है, इस कारण केबल इंसुलेशन पे अधिक धयान देने की जरूरत होती है और केबल मैनेजमेंट करते समय विशेष धयान देने की जरूरत होती है। 
  •  फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) को स्थापित करने के लिए वाटर बेड टोपोग्राफी (Water Bed Topography) जिसपे सोलर पेनल्स को इनस्टॉल किया जाता है, का उपयुक्त समझ होना बहुत जरूरी है।  

इन सब कमियों के बावजूद फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) सारे देशो के द्वारा इस नई टेक्नोलॉजी को अपनाया जा रहा है और बड़े बड़े पावर प्लांट भी स्थापित किये जा रहे हैं।

यहाँ तक की हमारे देश में भी कई राज्यों में बड़े पैमाने पे इसको अपनाया जा रहा है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों मिलकर इस नई टेक्नोलॉजी को सफल बनाने के तरफ काम कर रही है।  

जैसे जैसे टेक्नोलॉजी बढ़ रही है फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) की कमियां भी धीरे धीरे समाप्त हो रही है।

FAQs: 

Question:  फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) में सोलर पेनल्स को किसपे इनस्टॉल किया जाता है ?

Answer: फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) में सोलर पेनल्स को वाटर बेड टोपोग्राफी (Water Bed Topography) पे इनस्टॉल किया जाता है। 

Question: क्या फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) में सोलर पैनल की कार्य करने की क्षमता बढ़ती है ?

Answer: फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट (Floating Solar Power Plant) में सोलर पेनल्स को जल स्तर पे स्थापित किया जाता है, जिसके कारन जल श्रोत एक कूलिंग इफ़ेक्ट उत्पन्न करता है, और सोलर पैनल का तापमान बढ़ने नहीं देता, जिसकी वजह से सोलर मॉडल्स की कार्य करने की क्षमता लगभग 5-10 % तक बढ़ जाती है।

 

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