वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड क्या है ?| One Sun One World One Grid

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जैसा की नाम से पता चलता है- वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid), एक सूरज एक वर्ल्ड और एक ग्रिड। हमे वन सन वन वर्ल्ड का मतलब तो अच्छे से समझ में आ जाता है क्यूंकि हमारे पास एक हीं सूरज है और हम सब एक हीं दुनिया में रहते हैं, पर आखिर यह वन ग्रिड क्या है ?

One Sun One World One Grid
One Sun One World One Grid-वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड

हम सब ये अच्छे से जानते हैं की हर देश के पास अपना अपना ग्रिड होता है तो इस वन ग्रिड का क्या मतलब है ?

क्या होता है वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid)?

वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) का मतलब होता है सारे देश के ग्रिड को एक दूसरे से जोड़ना। इसका तात्पर्य है सूरज की किरण पुरे 24 घंटे पृथ्वी पर पड़ती है, जब पृथ्वी के एक हिस्से में दिन होता है तो दूसरी तरफ रात। अर्थात 24 घंटे में किसी न किसी देश में सोलर पावर प्लांट के द्वारा बिजली उत्पन्न होती है। 

उधारण के लिए अगर पूर्वी एशिया में सबसे पहले सूर्य उदय होता है और सूर्य अस्त भी यही सबसे पहले होता है ठीक उसी समय अर्थात जब वहां अँधेरा हो गई होती है, भारत को सूर्य का प्रकाश मिलता रहता है जिसके फलस्वरूप यहाँ का सोलर पावर प्लाट बिजली उत्पन्न कर रही होती है।

इसी तरह पश्चिम एशिया और अफ्रीका बिजली की आपूर्ति कर सकते हैं जब भारत में अँधेरा होगा। अर्थात अगर हम इन सभी देशो के ग्रिड को आपस में जोड़ दे तो हम 24 घंटे सोलर से उत्पन्न बिजली का प्रयोग कर सकते हैं।

वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) के तहत एक बड़ा फैसला

One Sun One World One Grid
One Sun One World One Grid, 26th assembly of Conference of the Parties  

हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कांफ्रेंस ऑफ़ दी पार्टीज (Conference of the Parties-COP) के 26वे सम्मलेन में जो की नवंबर 2021 में हुआ है, UK के प्रधान मंत्री Boris Johnson के समक्ष दुनिया का पहला इंटरकनेक्टेड सोलर का अंतर्राष्ट्रीय नेटवर्क, ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव (Green Grid Initiative) के तहत वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) को लॉन्च किया।

प्रधान मंत्री ने ये भी दोहराया की वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) पहल का विचार उनके द्वारा अक्टूबर 2018 में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (International Solar Alliance -ISA) की पहली सभा में रखा गया था।

उन्होंने कहा की वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) न केवल एनर्जी स्टोरेज की जरूरतों को काम करेगा बल्कि इससे सोलर प्रोजेक्ट को भी बढ़ावा मिलेगा, साथ हीं साथ न केवल इससे कार्बन उत्सर्जन और सोलर प्लांट लगाने की लागत में कमी आएगी बल्कि विभिन्न देशो और क्षेत्रों के बिच व्यपार का नया मार्ग भी खुलेगा।

One Sun One World One Grid
United Kingdom and India together in One Sun One World One Grid

इस सम्मलेन में नरेंद्र मोदी और बोरिस जॉनसन ने वन सन डिक्लेरेशन भी जारी किया, जिसमे कहा गया था की वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) के विज़न को आपस में जुड़े ग्रीन ग्रिड के माध्यम से साकार करना परिवर्तन करि हो सकता है,

साथ हीं साथ यह जलवायु प्रदुषण को रोकने के लिए पेरिस समझौते के लक्ष्यों को पूरा करने में भी सहायक होगा। उन्होंने ये भी कहा की यह प्रयास ग्रीन इन्वेस्टमेंट को प्रोत्साहित करेगा और साथ हीं लाखो अच्छी नौकरियां भी पैदा करेगा।

नरेंद्र मोदी ने कहा सोलर एनर्जी के लिए बस दो हीं चुनौती है की यह पूरी तरह सूरज की किरणों पे निर्भर करती है अर्थात यह केवल दिन के समय हीं बिजली उत्पन्न करती है और दूसरा की यह ख़राब मौसम में इसकी बिजली उत्पन्न करने की क्षमता काम हो जाती है, पर वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) पहल एकमात्र ऐसा समाधान है जिसकी मदद से हम इन चुनौतिओं का सामना कर सकते हैं।

साथ हीं प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) के तहत आपसी सहयोग के माध्यम से एक मजबूत ग्लोबल ग्रिड का निर्माण किया जा सकता है। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO एक सोलर कैलकुलेशन एप्लीकेशन जारी करने जा रही है।

साथ हीं साथ नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा की अगर विश्व को एक स्वच्छ और प्रदुषण रहित भविष्व की ओर बढ़ना है तो वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) के तहत इंटरकनेक्टेड ग्रिड एक मात्रा समाधान है।

इसके लिए International Solar Alliance (ISA) का लक्ष्य 2030 तक 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का फण्ड जुटाना है ताकि विकासशील देशो को उनकी बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने सोलर एनर्जी ग्रिड का विस्तार करने में सहायता मिल सके।

उन्होंने कहा की वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) की घोषणा के अनुसार सबसे पहले कार्य करने वाले क्षेत्र होंगे सोलर पावर प्लांट, विंड पावर प्लांट और अन्य रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन  में निवेश करना, इसके साथ साथ सारे ग्रिड को जोड़ने के लिए लाइनों का निर्माण करना और सभी उपकरणों का आधुनिकरण करने के लिए नई टेक्नोलॉजी को विकसित करना।

International Solar Alliance (ISA) के डायरेक्टर जनरल श्री अजय माथुर ने ISA के चौथी आम सभा में जो की अक्टूबर में हुई थी कहा था की ISA वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर इसका अध्यन कर रही है, और उन्होंने पहले हीं कुछ परिस्थितिओं में इसे आर्थिक रूप से कारगर पाया है।

One Sun One World One Grid
One Sun One World One Grid, Proposed network

मई 2021 में हीं यूनाइटेड किंगडम और भारत ने ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव (Green Grids Initiative) और वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) इनिशिएटिव की ताकतों को जोड़ने और नवंबर 2021 में कांफ्रेंस ऑफ़ दी पार्टीज (Conference of the Parties) के 26वे “COP26” सम्मलेन में इसे संयुक्त रूप से लॉन्च करने पर सहमति व्यक्त की। 

FAQs:

Question: वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) क्या है ?

Answer: वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (One Sun One World One Grid) का मतलब होता है सारे देश के ग्रिड को एक दूसरे से जोड़ना अर्थात। इसका तात्पर्य है सूरज की किरण पुरे 24 घंटे पृथ्वी पर पड़ती है, जब पृथ्वी के एक हिस्से में दिन होता है तो दूसरी तरफ रात। अर्थात 24 घंटे में किसी न किसी देश में सोलर पावर प्लांट के द्वारा बिजली उत्पन्न होती है।

Question: Conference of the Parties-COP का गठन कब लिया गया था ?

Answer: Conference of the Parties-COP का गठन 1992 में किया गया था।

Question: Conference of the Parties-COP का पहला सम्मलेन कब हुआ था ?

Answer: Conference of the Parties-COP का पहला सम्मलेन 1995 में हुआ था।

Question: 2021 में Conference of the Parties-COP का कौन सा सम्मलेन हुआ है ?

Answer: Conference of the Parties-COP का 2021 में 26वा सम्मलेन हुआ है।

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  1. This article has helped in understand One Sun One World One Grid concept. Modiji is great. He keeps proposing innovative ideas to protect India and the world.

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