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Why do electric vehicles catch fire and how to avoid it: वैसे तो इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने का खतरा पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाली वाहनों की तुलना में काफी कम होता है परन्तुं दुर्भाग्यवश कभी ऐसा होता है तो इसपर काबू पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ साथ आजकल इसमें आग लगने की समस्या भी दिन प्रतिदिन सामने आ रही है। हाल ही में इलेक्ट्रिक वाहनों में खास कर इलेक्ट्रिक स्कूटर और इलेक्ट्रिक बाइक में आग लगने की कई घटनाएं सुनने में आई है, यहां तक कि टेस्ला (Tesla), पोर्श (Porsche), मिसुबिशि (Mitsubishi), ओला (Ola) जैसे बड़े दिग्गज कंपनियों की इलेक्ट्रिक कारों और स्कूटर में भी आग लगने की घटनाएं सुनने और देखने को मिल रही है।

तमिलनाडु में एक पिता और पुत्री अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर को चार्ज करते वक़्त मृत्यु का शिकार हो गए। स्कूटर चार्ज करते समय इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी घर के अंदर हीं फट गई और दम घुटने के कारण मौके पर हीं उन्होंने अपना दम तोड़ दिया।
इस तरह की घटनाओं के बाद आज हर किसी के मन में ये सवाल घर कर गया है की क्या इलेक्ट्रिक वाहन सुरक्षित हैं ? आखिर इलेक्ट्रिक वाहनों में आग क्यों लगती है और इससे कैसे बचा जाए ? (Why do electric vehicles catch fire and how to avoid it), या फिर इस विकल्प को नज़रअंदाज करते हुए हमे फिर से अपना रुख परंपरागत वाहनों के तरफ करना चाहिए।
वैसे अधिकांशतः इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने के मुख्य कारण इसमें प्रयोग होने वाली उच्च शक्ति वाले बैटरी पैक होती है, तो आइये जानते है की इलेक्ट्रिक वाहनों में आग क्यों लगती है और इससे कैसे बचा जाये।(Why do electric vehicles catch fire and how to avoid it)

इलेक्ट्रिक वाहन में आग क्यों लगती है ? (Why do electric vehicles catch fire)
मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की वजह इसके लिथियम आयन बैटरी पैक में खराबी के कारण होता है जिसके बारे हम यहाँ विस्तार से बात करेंगे।

रासायनिक प्रतिक्रिया (Chemical reaction)
इलेक्ट्रिक वाहन लिथियम-आयन बैटरी से भरी होती हैं जो उपयोग के दौरान अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं, और फिर बैटरी पैक में लगी सबसे नज़दीक की सेल अपने पास वाले सेल को गर्म करती है और ये प्रक्रिया अगले सेल से पुरे बैटरी पैक के सेल तक होती है जिसे थर्मल रनवे (Thermal runway) कहते हैं, और इसके कारण बैटरियों का दबाओ और तापमान बढ़ जाता है और हवा के संपर्क में आते हीं इसमें आग लग जाती है। इसलिए आग लगने जैसी घटना को रोकने के लिए इन बैटरियों का थर्मल प्रबंधन जरूरी है।
वायरिंग में खराबी (Wiring issues)
चाहे इलेक्ट्रिक वाहन में कितनी भी अच्छी कंपनी का बैटरी प्रयोग किया गया हो पर यदि वायरिंग में कुछ गड़बड़ी हो या वायरिंग अच्छे से न किया गया हो तो इसमें लगी लिथियम आयन बैटरी ख़राब हो सकती है और ऐसी घटनाओं को अंजाम दे सकती है।

ख़राब बैटरी डिज़ाइन (Faulty battery design)
लिथियम आयन बैटरी अलग-अलग डिज़ाइन और आकार में आती हैं, जैसे कि सिलिंड्रिकल, प्रिस्मैटिक और पाउच के आकार की, लेकिन आम तौर पर, उनके तीन प्रमुख तत्व होते हैं, इलेक्ट्रोड, इलेक्ट्रोलाइट और सेपरेटर। यदि इनमे से कोई भी कॉम्पोनेन्ट ख़राब हो जाए, तो इसके कारण बैटरी में आग लगती है।(Why do electric vehicles catch fire)
बहरी अवरोध (External issues)
ज्यादा गर्म और आर्द्र परिस्थिति में भी इलेक्ट्रिक वाहन चलने से या फिर तेज धुप में ज्यादा देर तक इलेक्ट्रिक वाहन को पार्क करने से भी इलेक्ट्रिक वाहन में लगी लिथियम आयन बैटरी का तापमान बढ़ सकता है, जिससे बैटरी के गर्म होने के परिणाम स्वरुप बैटरी में आग लग सकती है।

इलेक्ट्रिक वाहन में आग लगने से कैसे बचे ? (How to avoid fire in Electric Vehicle)
इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगना काफी मुश्किल होता है इसके साथ हीं इलेक्ट्रिक वाहन में आग लगने का अनुपात पेट्रोल और डीजल से चलने वाली वाहनों की तुलना में काफी कम होता है। हालांकि जब लिथियम-आयन बैटरी अर्थात इलेक्ट्रिक वाहन में आग लगती है तो इसपर काबू पाना बहुत हीं मुश्किल होता है। आज हम यहाँ उन्ही मुख्य बातों पर चर्चा करने वाले हैं जिनका पालन करके आप इलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाले आग के जोखिम को कम कर सकते हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन को चलने के तुरंत बाद लिथियम आयन बैटरी अर्थात इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज नहीं करना चाहिए, क्योंकि उस समय बैटरी के अंदर लीथियम-आयन सेल्स बहुत गर्म होते है। अतः चार्ज करने से पहले यह सुनिश्चित कर ले की बैटरी पूरी तरह ठंडी हो गई हो और उसके बाद हीं इसे चार्ज करे। वही अगर इलेक्ट्रिक वाहन में लगी बैटरी को बहार निकला जा सकता है तो पहले इसे वाहन से डिस्कनेक्ट करे और अलग से चार्ज करना सबसे अच्छा है।
इलेक्ट्रिक वाहन में केवल उसी बैटरी का उपयोग करें जिसे वाहन के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस बात को बिलकुल ध्यान में रखे की सस्ती बैटरी का उपयोग करने से आप इलेक्ट्रिक वाहन को नुकसान पहुंचने के साथ साथ आप अपने खुद के जान को भी जोखिम में डाल रहे हैं। इसके साथ ही इस बात का भी ख्याल रखे की सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन के साथ आए चार्जिंग केबल का हीं इस्तेमाल करें।
इलेक्ट्रिक वाहन को सीधी धूप में बिलकुल भी ना रखे। कोशिश करे इलेक्ट्रिक वाहन को ठन्डे क्षेत्र और पर्याप्त वेंटिलेशनमें स्थान में हीं रखे। बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाने के बाद उसे तुरंत हीं चार्जिंग पोर्ट से निकल दे। यह सुनिश्चित करे की रिप्लेसमेंट बैटरियों और चार्जर दोनों एक हीं मैन्युफैक्चरिंग कंपनी का होना चाहिए।
बैटरी का उपयोग करने से पहले उसका निरिक्षण अच्छी तरह से करे और यह सुनिश्चित कर ले की वह बैटरी प्रयोग करने के लिए बिलकुल सुरक्षित है। यदि किसी भी प्रकार की खराबी पाई जाती है, तो उसका उपयोग न करें और निर्माता कंपनी को इसकी सूचना दें।

कैसे पहचाने की बैटरी में कुछ खराबी है ? (How to identify there is something wrong with the battery)
जब लिथियम-आयन बैटरी ख़राब होने लगती है तो वो आग लगने से पहले कुछ संकेत देने लगती है जिसका पता आसानी से लगाया जा सकता है, जैसे की बैटरी अत्यधिक गर्म होने लगती है या फूल जाती है, साथ ही, बैटरी का रंग फीका पड़ सकता है और धुंआ निकलना शुरू हो सकता है।
हालांकि इलेक्ट्रिक वाहन में लगे सॉफ्टवेयर के माध्यम से बैटरी के हेअल्थिनेस्स (Healthiness) की जाँच की जा सकती है और समय रहते आप किसी भी दुर्घटना को होने से रोक सकते है। यदि बैटरी में किसी भी प्रकार की खराबी है तो वैसी परिस्थिति में बैटरी के असामान्य रूप से गर्म होने या आग लगने से पहले सॉफ़्टवेयर आपको अलार्म देगा।
चार्जिंग के लिए प्लग इन करने के दौरान बैटरी के जलने की कई घटनाएं सामने आई हैं, यह तब हुआ जब या तो बैटरी को ओवरचार्ज कर दिया गया या फिर पूरी तरह से डिस्चार्ज हो जाने के बाद उसे चार्जिंग में लगाया गया। इसलिए हमेशा बैटरी को चार्ज करने से पहले बैटरी निर्माता कंपनी द्वारा दिए गए चार्जिंग नियमों का पालन करे।

बैटरी चार्जिंग का एक आदर्श तरीका यह है कि उसे पूरी तरह डिस्चार्ज होने से पहले चार्ज किया जाए और जैसे ही वे पूरी तरह से चार्ज हो जाएं, उसे चार्जिंग पोर्ट से डिसकनेक्ट कर दे। वैसे कुछ इलेक्ट्रिक वाहन सॉफ्टवेयर डायग्नोस्टिक्स के साथ आते हैं जो बैटरी पूरी तरह चार्ज हो जाने के बाद चार्ज करना बंद कर देते हैं इसके साथ हीं अगर बैटरी में कोई खराबी है तो इसके बारे में भी आपको सूचना देते हैं।

बैटरी निर्माता कंपनी और सरकार को क्या कदम उठाना चाहिए ?
सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, बैटरी निर्माता कंपनिओं के लिए समान नियमन और मानकों का निर्धारण की अत्यधिक आवश्यकता है। इलेक्ट्रिक वाहन में प्रयोग होने वाली लिथियम आयन बैटरी को जोखिम सीमा के साथ चिह्नित किया जाना चाहिए। केवल उन बैटरियों को हीं अनुमति दी जानी चाहिए जो उन थ्रेसहोल्ड को पूरा करती हैं या उससे अधिक हैं।
सरकार को अपने नियमन को इतना सख्त बनाना चाहिए कि बैटरी निर्माता कंपनियां सबसे कम आग के खतरों वाली बैटरियों का उपयोग कर सकें। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी बनाने के लिए एक नया दृष्टिकोण भी खोजा जाना चाहिए ताकि उन बैटरियों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता से समझौता किए बिना कम ज्वलनशील सामग्री का उपयोग किया जा सके।
FAQs:
Question: इलेक्ट्रिक वाहनों में आग क्यों लगती है और इससे कैसे बचा जाए ? (Why do electric vehicles catch fire)
Answer: इलेक्ट्रिक वाहन लिथियम-आयन बैटरी से भरी होती हैं जो उपयोग के दौरान अत्यधिक गर्मी उत्पन्न करते हैं। इसलिए, इन बैटरियों को आग पकड़ने से रोकने के लिए उनका थर्मल प्रबंधन महत्वपूर्ण है। यदि ये बैटरियां विफल हो जाती हैं, तो थर्मल रनवे नामक एक घटना होती है, जिससे इन बैटरियों का दबाव और तापमान बढ़ जाता है और जब यह हवा के संपर्क में आता है तो बैटरी में आग लग सकती है या विस्फोट भी हो सकता है।(Why do electric vehicles catch fire)
Question: अगर इलेक्ट्रिक वाहन में आग लग जाए तो क्या करें ?
Answer: इलेक्ट्रिक वाहन में आग लगने से निकलने वाली गैस काफी जहरीली होती है, जिसमें खतरनाक कार्बनिक रसायन, विशेष रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन साइनाइड होते हैं, जो मनुष्यों के लिए काफी खतरनाक होते हैं। अतः सभी अग्निशामकों को इसकी जानकारी होनी चाहिए और उन्हें ये भी सुनिश्चित करना चाहिए की आग पीपीई किट और अन्य श्वसन उपकरण के उपयोग से हीं बुझाया जाये।
डीजल या पेट्रोल से चलने वाले पारंपरिक वाहनों में लगी आग की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन में लगी आग को बुझाना ज्यादा मुश्किल होता है। इसलिए अग्निशामकों को इलेक्ट्रिक वाहन में लगी आग से निपटने के नए तरीकों पर भी प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
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